राजस्थान में कांग्रेस की जबरदस्त लहर, भाजपा से नाराजगी: गहलोत

जोधपुर 23 नवंबर (वार्ता) कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में अंदरखाने जबरदस्त लहर का दावा करते हुए कहा है कि लोगों में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ भारी नाराजगी है।

राजस्थान में दो बार पार्टी की सरकार की कमान संभाल चुके श्री गहलोत ने यहां यूनीवार्ता के साथ विशेष बातचीत में कहा कि राज्य में पार्टी की जबरदस्त लहर है। उन्होंने कहा, “पूरे राज्य में जबरदस्त ‘अंडर करंट’ है।” साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव में भाजपा और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ अंदरूनी नाराज़गी है।
श्री गहलोत ने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि श्रीमती राजे सार्वजनिक कार्यक्रमों में नेताओं तथा लोगों के सामने दंडवत हो प्रणाम कर रही हैं। अखबार में सबके सामने तस्वीर आ रही है। उन्होंने कहा कि यदि पिछले पांच साल में मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को प्रणाम किया होता और रानी मां की तरह व्यवहार करती तो आज यह स्थिति नही होती। उन्होंने कहा कि भाजपा को पिछले चुनाव में 163 सीट मिली थी लेकिन पार्टी ने जनादेश का सम्मान करते हुए लोगों को विश्वास में लेने के बजाय उनसे दूरी रखी और उनके काम नहीं किये।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य में रिफाइनरी, मेट्रो परियोजना, आदिवासी क्षेत्रों में विकास और करौली तथा टोंक में रेल लाइन के काम आगे नहीं बढ़े। इससे लोगों में नाराजगी है। इसके अलावा बेरोजगारी, कानून व्यवस्था की स्थिति और भ्रष्टाचार के मोर्चे पर सरकार की विफलता के कारण लोगों में भारी आक्रोश है।
उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके नेताओं का विकास कार्यों में नहीं बल्कि धर्म की राजनीति में विश्वास है। इससे राष्ट्र ओर लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है तथा संविधान कमजोर हो रहा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और श्रीमती राजे के राजस्थान को बीमारू राज्य की श्रेणी से निकाल कर विकसित राज्यों की कतार में खड़े करने के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने पूछा,‘उन्हें बताना चाहिए कि राजस्थान पिछड़ा राज्य कब था?’
कांग्रेस में भीतरघात और गुटबाजी की रिपोर्टों को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि सभी नेता और कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व के तले एकजुट हो चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को कमोबेश मना लिया गया है और पार्टी को बागी उम्मीदवारों से ज्यादा नुकसान नहीं होने वाला।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों में सत्तारूढ़ भाजपा के पास प्रचार में संसाधन भले ही ज्यादा हों लेकिन लोगों में उनके खिलाफ नाराजगी और कांग्रेस के पक्ष में अंडर करंट के चलते समूचे राज्य में कांग्रेस के पक्ष में ज्यादा वोट पड़ेंगे।