मदर्स डे पर इरोम शर्मिला को मिला जुड़वां बच्चियों की की मां बनने का तोहफा

इम्फाल । मशहूर नागरिक अधिकारों की कार्यकर्ता आयरन लेडी इरोम शर्मिला को मदर्स डे एक अनुपम अनुभूति लिए आया। 46 साल की उम्र में उन्होंने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया है। इरोम शर्मिला ने बेंगलुरु के अस्पताल में बच्चियों को जन्म दिया। शर्मिला और उनके ब्रिटिश पति डेसमॉन्ड कोटिन्हो से जन्मीं बच्चियों के नाम निक्स शाखी और ऑटम तारा रखे गए हैं। क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के प्रवक्ता ने बताया कि शर्मिला अभी रिकवर कर रही हैं और जल्द ही उनके बच्चियों की तस्वीरें जारी की जाएंगी। शर्मिला ने सी सेक्शन डिलिवरी के जरिए अस्पताल की मल्लेश्वरम ब्रांच में रविवार को नौ बजकर 21 मिनट में स्वस्थ बच्चियों को जन्म दिया। डॉ. श्रीपद विनेकर ने बताया, ‘मदर्स के दिन डिलिवरी संयोग मात्र है। यह पूर्व नियोजित नहीं था। उन्हें इस बारे में पता भी नहीं चला जब तक मैंने उन्हें बताया नहीं।
डॉ. ने बताया, ‘हम अगले हफ्ते शर्मिला के ऑपरेशन की प्लानिंग कर रहे थे लेकिन शनिवार रात को तेज दर्द उठने की वजह से शर्मिला को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वह एक मजबूत महिला है और हम उन्हें मंगलवार और बुधवार तक डिस्चार्ज करेंगे।’ अस्पताल में इस मौके पर कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ और न ही कई लोगों की भीड़ इकट्ठा थी। डॉ. विनेकर ने बताया, ‘वह काफी अद्भुत और संयमित दंपती हैं। यहां तक कि जब वे चेक अप के लिए आए थे तो केबिन के बाहर बैठकर चुपचाप अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।’ 2017 में शादी के बाद दंपती तमिलनाडु के कोडाइकनाल में रह रहा है लेकिन इस बड़े मौके लिए उन्होंने बेंगलुरु चुना। इस पर डॉ. विनेकर ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने बेंगलुरु क्यों चुना। मैं थोड़ा हैरान थी जब वे मेरे पास आए। मैं यह सकती हूं कि उनके जीवन के अहम पल का हिस्सा बनने के लिए मैं काफी एक्साइटेड थी। जो शर्मिला मुझे देखने को मिली, वह काफी अलग थी। मैंने उनका कोमल रूप देखा।’ बता दें कि इरोम शर्मिला मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) हटाने के लिए 16 साल तक भूख हड़ताल कर चुकी हैं। इसके बाद वह 2017 में मणिपुर में विधानसभा चुनाव में भी उतरी थीं जहां उन्हें महज 90 वोट मिले थे।