दलाखो ऑटो रिक्शा चालकों में दिखे कैंसर के शुरुआती लक्षण

मुंबई । मुंबई में ऑटो रिक्शाचालकों पर तंबाकू, उत्पादों के सेवन की वजह से कैंसर का खतरा मंडरा रहा है। इनमें से सबसे बड़ी संख्या में यूपी, बिहार के ऑटो रिक्शा चालक हैं। मुंबई के कैंसर पेशेंट्स इन एसोसिएशन (सीपीएए) द्वारा ऑटो चालकों पर किया गया अध्ययन में यह बात सामने आई। लगभग 35000 चालकों के मुंह के स्वास्थ्य की जांच में पता चला कि 45 फ़ीसदी में कैंसर के खतरे के लक्षण उभर चुके हैं। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन मैं आधिकारिक रूप से तीन लाख से अधिक वृक्ष जनक है, जबकि अवैध रूप से और ट्रक चलाने वाले 4 लाख से भी ज्यादा है।
सीओ के एग्जीक्यूटिव बेटा अनीता पीटर ने कहा कि आने वाले सालों में एक बड़ा खतरा है। शहर में लगभग 70 से 80 फ़ीसदी ऑटो रिक्शा चालकों उत्तर भारतीय हैं जो ज्यादातर और तंबाकू, गुटका या पान मसाला खाते हैं। इनके मुंह में अक्सर छाले रहते हैं और कैंसर की शुरूआत से पहले मुंह के अंदर सफेद दाग पड़ जाते हैं। यह बाद में गले और मुंह के कैंसर के रूप में सामने आ सकता है। यदि इस स्टेज में तंबाकू उत्पादों का सेवन रोका नहीं गया, तो खतरा बढ़ जाता है। सफेद दाग होने के लक्षण को मेडिकल की भाषा में लोग ल्यूकोप्लेकिया कहा जाता है। चालकों को जागरूक बनाने के लिए सीपीएए हिंदी में इसका प्रचार करेंगी। साथ ही उन्होंने यह बताएं कि ऑटो रिक्शा चालकों के जीवन में परिस्थिति नया काफी अच्छी नहीं होती और इसी वजह से तनाव में आकर इन सबका का सेवन करने लगते हैं।