राजपक्ष सबसे आगे
। श्रीलंका में राष्ट्रपति का पद अपने गठन के कारण न केवल आकर्षक अपितु संवैधानिक संदर्भ में इस द्वीप में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। देश ने अब तक छह कार्यकारी अध्यक्षों की गतिशीलता का अनुभव किया है और सातवें इस साल 16 नवंबर को चुनावों के बाद सामने आएंगे।
देश चुनाव प्रचार गतिविधियों से लबरेज है, और संभावित उम्मीदवार टीवी और रेडियो बुलेटिनों पर काफी समय दिया जा रहा है। उम्मीदवारों की सूची की लंबाई को देखते हुए सबसे लम्बे बैलेट पेपर को देखने की प्रत्याशा के बावजूद, कुछ दौड़ में आगे खड़े होने के लिए बाध्य हैं और मीडिया चुनावों के अनुसार प्रमुख हैं श्री गोटाबाया राजपक्ष, जिन्होंने पहले से ही जीत के सारे रास्तों का अपनी तरफ रुख कर लिया है।नेतृत्व के सिद्धांत यह निर्धारित करते हैं कि परिस्थितियों का निर्माण नेताओं के विपरीत होता है जो कि जन्मजात नेता होने के विपरीत होते हैं। यह श्री राजपक्ष द्वारा राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की घोषणा और श्रीलंका की प्रचलित परिस्थितियों के कारण, वे आर्थिक, सामाजिक-राजनीतिक या पर्यावरणीय भी हो सकते हैं।